बिहार के कैमूर जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर बड़ी धांधली जारी है। जानकारी मिल रही है कि जिस योजना से जरूरतमंदों को लाभ मिलन चाहिए था, उसी की आड़ में गरीबों और वंचितों के नाम पर कुछ रसूखदार अपने अपने चहेतों को लाभ पहुंचा रहे हैं। हाल ही में इस प्रकार की खबर उत्तर प्रदेश के गोंडा से भी सामने आई थी। कैमूर में चल रही इस व्यापक लूट को लेकर सदस्य जिला परिषद विकास सिंह ने बताया कि जिले में कई अयोग्य लोगों को प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास फंड से रकम दी गई, जबकि वास्तविक और गरीब लोग फंड के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन और निकाय के अधिकारी-कर्मचारी आवास देने के नाम पर 30 हजार तक की रिश्वत प्रति आवास पर मांग रहे हैं।
विकास सिंह ने ग्रामीण जनता के साथ इस मुद्दे को उठाते हुए जिला मुख्यालय पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच करते हुए तत्काल पंचायत आवास सहायक का तबादला जिला प्रशासन को करना चाहिए। साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि यदि इस बाबत कोई सख्त कदम प्रशासन द्वारा नहीं उठाया गया तो जनता के साथ मिलकर सड़क से लेकर सदन तक आवाज बुलंद की जाएगी।