"मां मात्र एक शब्द नहीं बल्कि पूरा संसार है, या फिर कहें सभी खुशियों का सार है। प्रेम, स्नेह, ममता की देवी माँ न होती तो यह सृष्टि न होती। जीवनदायिनी माँ के स्नेह से ही हर बच्चे का जीवन धन्य होता है।" स्नेह, धैर्य, ममता एवं करुणा की प्रतिमूर्ति, वात्सल्य की प्रतीक, देवी स्वरूपा मातृ शक्ति के प्रतीक मातृ दिवस पर जब सारी दुनिया अपनी माता के साथ अपने प्रेम को साझा कर रही थी, उसी रोज भभुआ के रुद्रवार कला में श्री रंजीत राम की माताजी का निधन को गया।
इस दुखद समाचार को सुनने के बाद भभुआ भाग 3 से जिला परिषद सदस्य विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल तुरंत अपने मित्र रंजीय राम के पास पहुंचे और उन्हें धैर्य बँधाया। इस मौके पर अपने अन्य संगी साथियों के साथ भी रंजीत राम के घर पहुंचे विकास सिंह ने कहा कि मैं हर कदम पर अपने भभुआ के परिवार के साथ खड़ा हूं, उनके दुख सुख में मैं बराबर का भागीदार हूं। विकास जी ने रंजीत भी को हिम्मत-हौंसला दिया और परिवार के सभी सदस्यों को इस दुख भरे पल में सांत्वना दी।