जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव को बिहार पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर 32 साल पुराने मामले में जेल भेजे जाने को लेकर जननेता विकास सिंह ने विरोध जताया और फ़ेसबुक लाइव के माध्यम से जनता के सामने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा,
" पप्पू यादव को थाने पर आठ घंटे तक बैठाया गया, लॉकडाउन के उल्लंघन के चलते उन्हें गिरफ्तार किया गया और उसके बाद 32 साल पुराने मुकदमे में उन्हें जेल भेज दिया। मैं कानून का सम्मान करता हूँ लेकिन सवाल उठता है कि क्या 32 सालों से बिहार पुलिस सो रही थी। मैं न ही तो पप्पू यादव का समर्थक हूँ और न ही जन अधिकार पार्टी से हूँ, बस एक आम नागरिक हूँ। वर्तमान के हालातों को देखते हुए जहां आज चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है, यदि ऐसे हालातों में अपने ही प्रियजनों को कुछ हो जाए तो भी लोग अस्पताल या शमशान तक भी जाने में डरते हैं। आज इस विपदा की घड़ी में जब आम आदमी अपने घर से नहीं निकल रहा है, इस महामारी के माहौल में पप्पू यादव का लोगों के बीच जाना और अस्पतालों में व्यवस्था देखना, कोरोना काल में जरूरतमंद जनता के लिए सेवा करना सराहनीय रहा है, वह भी बिना किसी राजनीतिक फंड के, अपनी जमीन बेचकर और चंदा के माध्यम से। हर ओर व्यवस्था देख रहे थे आदरणीय पप्पू यादव जी, यहां तक कि शमशान घाट तक में जाकर वह सेवा में लगे थे। आज जहां जनप्रतिनिधि, सांसद, विधायक, मंत्री आदि सभी अपने घरों में बंद हैं और फोन तक नहीं उठाते हैं, ऐसे में व्यवस्था सुधारने के लिए पप्पू यादव अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए लोगों की सेवा कर रहे थे। मैं सरकार को सतर्क करना चाहता हूँ कि यदि जनता जाग गई तो सरकार की हालत पस्त हो जाएगी और सरकार को मुंह छिपाने की जगह नहीं मिलेंगे। पप्पू यादव की गिरफ़्तारी पर लोगों ने जाति-धर्म से ऊपर उठकर, दलगत राजनीति को किनारे कर उनका समर्थन किया है क्योंकि लोगों के लिए उन्होंने बहुत किया है। इस तरह की राजनीति ज्यादा दिन तक नहीं चलेगी, इसका जवाब जनता जरूर देगी।"
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