रामपुर प्रखंड के अकोढ़ी गाँव में सैकड़ों वर्षों से चली आ रही ज्वाहरी माँ के स्थान पर अखंड हरिकीर्तन की पवित्र परंपरा का आयोजन इस वर्ष भी भक्तिमय वातावरण में संपन्न हुआ। इस परंपरा के अनुसार, शारदीय नवरात्रि में हर वर्ष गाँव के कोर्ट पर ज्वाहरी माँ के स्थान पर 24 घंटे का अखंड हरिकीर्तन आयोजित किया जाता है, जिसमें गाँव और आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं।
अखंड हरिकीर्तन में विशेष उपस्थिति
इस साल के अखंड हरिकीर्तन में जिला परिषद सदस्य विकास सिंह उर्फ लल्लु पटेल भी विशेष रूप से शामिल हुए। उन्होंने इस धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा को अत्यधिक महत्व देते हुए ज्वाहरी माँ के चरणों में श्रद्धा अर्पित की। हरिकीर्तन में उनकी उपस्थिति ने ग्रामीणों और अन्य श्रद्धालुओं के बीच जोश और उत्साह का संचार किया।
आस्था और एकता का प्रतीक: अखंड हरिकीर्तन
अकोढ़ी गाँव की यह अनोखी परंपरा गाँव में एकता और धार्मिक आस्था को मजबूत करती है। हरिकीर्तन के दौरान भजन-कीर्तन और भगवान की महिमा का गुणगान होता है, जिससे भक्तों के मन को शांति और आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त होता है। इस धार्मिक आयोजन का महत्व गाँव के प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में खास स्थान रखता है।
गाँव की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर
यह अखंड हरिकीर्तन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि गाँव की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी है। इस आयोजन में बुजुर्गों से लेकर युवा पीढ़ी तक का समर्पण देखने को मिलता है, जो इस परंपरा को सदियों से निभाते आ रहे हैं और इसे आने वाली पीढ़ियों तक ले जाने का संकल्प भी लेते हैं। इस अवसर पर उपस्थित विकास सिंह उर्फ लल्लु पटेल ने ग्रामीणों के साथ मिलकर हरिकीर्तन का आनंद लिया और इस सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखने के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया।