कैमूर जिला परिषद सदस्य सह कैमूर शिक्षा विभाग के अध्यक्ष विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल ने आज भभुआ प्रखंड सारंगपुर में स्थित पारा मेडिकल प्रशिक्षण संस्थान का निरीक्षण किया। इस मौके पर छात्रों से हुई चर्चा में उन्हें मालूम हुआ कि किस प्रकार आवश्यक सुविधाओं के अभाव में आज छात्र-छात्राओं का उज्ज्वल भविष्य अंधकारमय हो गया है। पारा मेडिकल में शिक्षण संस्थाओं द्वारा 2 वर्ष तक प्रशिक्षण प्राप्त करने पर प्रमाण पत्र निर्गत होता है लेकिन बेहद अफसोस की बात है कि पठन-पाठन और जरूरी सुविधाओं के अभाव में प्रशिक्षण संस्थान मात्र लूट-खसोट का अड्डा बन गया है।
विकास सिंह ने बताया कि दूरदराज के ग्रामीण असहाय मजदूर किसान के घरों के छात्र-छात्राएं अपना भविष्य लेकर डॉक्टर बनने का हसीन सपना देख रहे हैं। लेकिन खेद के साथ कहना पड़ता है कि शिक्षण संस्थाओं में प्रशिक्षण एवं शिक्षक के अभाव में बच्चे अपनी भविष्य को टकटकी निगाह से ऊपर की ओर देख रहे हैं। छात्र-छात्राओं द्वारा बिहार सरकार के मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, संबंधित सचिवालय, जिलाधिकारी एवं अन्य राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों से भी पठन-पाठन एवं अन्य सुविधाओं को लेकर बार-बार प्रार्थना एवं अनुरोध किया गया है, लेकिन बिहार सरकार के कानों में इन छात्र-छात्राओं के भविष्य को लेकर जू तक न रेंग सकी। जबकि पारा मेडिकल की सभी जिम्मेदारी कैमूर सिविल सर्जन सह प्रबंधक की भूमिका महत्वपूर्ण होती है और बिहार सरकार के द्वारा शिक्षण संस्थाओं को समय-समय पर राशि का भुगतान होता रहा है फिर भी इन राशियों का प्रबंधक के द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा है।
जिला मुख्यालय में स्थित जिला के आला अधिकारी उपस्थित रहने के बावजूद भी समय-समय पर औचक निरीक्षण करने के अभाव में या उनके भ्रष्टाचार में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल होना यह संकेत देता है कि छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकार में बीत रहा है। जिम्मेदारी से भाग रहे लोग अपने ही देश के बच्चों का भविष्य को खराब करने पर तुले हुए हैं, मात्र तनख्वाह उठाकर दोहरी नीति का लाभ उठा रहे है। ऐसे अफसरों के ऊपर बिहार सरकार के द्वारा विशेष निगरानी रखने पर ही बिहार का नाम देश में रोशन हो सकता है।
कैमूर जिला परिषद सह बसपा प्रदेश महासचिव विकास कुमार सिंह उर्फ लल्लू पटेल ने औचक निरीक्षण करने हेतु अपने दल बल के साथ पारा मेडिकल पर पहुंच गए। छात्र-छात्राओं की ज्वलंत समस्या को सुनते हुए एवं निरीक्षण करने के दौरान भारी पैमाने पर अनियमितता पाई हैं। संस्थान में बिजली कटौती के चलते पानी की काफी किल्लत है, उमस भरी गर्मी में बच्चे बेहाल हैं, सफाई की भी कोई व्यवस्था नहीं है। अध्यापकों की भी कमी है, जिसके चलते बच्चों की शिक्षा पर प्रभाव पड़ता है।
विकास सिंह ने बिहार सरकार के मनमाने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि स्थानीय प्रशासन के द्वारा पारा मेडिकल के छात्र छात्राओं के भविष्य को अंधकार में रखते हुए लूट खसोट का अड्डा बन कर रह गया है। उन्होंने बिहार सरकार से यथाशीघ्र शिक्षण संस्थाओं में शिक्षक एवं बुनियादी चीजों को पूरा करने की मांग करते हुए संबंधित अधिकारियों को छात्रों की सभी समस्याओं का निदान करने के लिए दिशा निर्देश दिए हैं।