संविधान के निर्माता बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के 133वीं जन्मोत्सव देश भर में हर्ष और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। डॉ.अंबेडकर की जयंती पर उनके जनकल्याण के लिए किए गए अभूतपूर्व योगदान को याद किया जाता है। भीमराव आंबेडकर जी के द्वारा रचित भारत का संविधान जाति और धर्म की परवाह न करते हुए सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है। आज के दिन को समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
इसी क्रम में भभुआ प्रखंड के सिवों गाँव में डॉ भीम राव अम्बेडकर बाबा साहेब की जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन जिला परिषद सदस्य विकास सिंह के द्वारा किया गया। इस अवसर पर उन्होंने बाबा साहब को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि भारतीय संविधान के रचयिता डॉ. भीमराव अंबेडकर का सपना था कि भारत जाति-मुक्त हो। उनका मानना था कि वर्गहीन समाज गढ़ने से पहले समाज को जाति विहीन करना जरूरी है। आज महिलाओं को अधिकार दिलाने के लिए हमारे पास जो भी संवैधानिक सुरक्षा कवच, कानूनी प्रावधान और संस्थागत उपाय मौजूद हैं उसका श्रेय डॉ. अंबेडकर को जाता है। उन्होंने कार्यक्रम के लिए कमेटी को धन्यवाद अर्पित किया।