भभुआ विधानसभा क्षेत्र के सुकूलपुरवा गाँव में आयोजित रामलीला का 72वां वर्ष भी उत्साह और धार्मिक श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ, जिसमें सम्मिलित होकर विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल ने ग्रामवासियों का उत्साह बढ़ाया और धार्मिक आयोजन की शोभा में चार चांद लगा दिए। यह रामलीला 1952 से निरंतर आयोजित होती आ रही है और गाँव के लोगों के साथ-साथ आसपास के गाँवों के निवासियों के लिए भी यह एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन बन चुकी है।
नवरात्रि में रामलीला का शुभारंभ: 72 वर्षों की अविचलित परंपरा
प्रत्येक वर्ष नवरात्रि के पावन अवसर पर रामलीला का शुभारंभ किया जाता है, जो सुकूलपुरवा गाँव की धरोहर है। गाँव के श्री नारायण दास नरोत्तम रामलीला समिति के तत्वावधान में इस ऐतिहासिक आयोजन का निर्वहन किया जाता है। ग्रामीणों और दूर-दराज के गाँवों से बड़ी संख्या में लोग इस रामलीला का आनंद लेने और प्रभु श्री राम की लीला देखने के लिए आते हैं।
रामलीला का भव्य समापन: प्रभु श्री राम को राजगद्दी का अभिषेक
इस वर्ष की रामलीला का समापन अद्वितीय तरीके से हुआ, जब प्रभु श्री राम को भव्य समारोह के दौरान राजगद्दी पर बिठाया गया। इस दृश्य ने राम भक्तों के हृदयों में अपार श्रद्धा और उत्साह का संचार किया। समापन समारोह में जिला परिषद सदस्य विकास सिंह उर्फ लल्लु पटेल विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जिन्होंने आयोजन की सराहना की और ग्रामीणों के इस धार्मिक समर्पण की प्रशंसा की।
समारोह में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
समापन समारोह में गाँव के कई प्रमुख व्यक्ति भी उपस्थित रहे, जिनमें संजय राय, रिंकू राय और उमा राय प्रमुख थे। उनके साथ बड़ी संख्या में ग्रामीणों और आगंतुकों ने भी इस ऐतिहासिक रामलीला का हिस्सा बनकर धार्मिक अनुभव प्राप्त किया।
सुल्कुलपुरवा की रामलीला: आस्था और संस्कृति का संगम
72 वर्षों से निरंतर चली आ रही रामलीला न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह गाँव की सांस्कृतिक धरोहर भी है। यह आयोजन स्थानीय जनमानस के बीच एकता और सामाजिक समरसता का प्रतीक बन चुका है। ग्रामीण और दूर-दराज से आने वाले लोग इस अवसर पर एकत्र होकर अपनी आस्था को और मजबूत करते हैं।
इस अवसर पर विकास सिंह जी ने कहा कि, सुकूलपुरवा गाँव की रामलीला परंपरा, आस्था, संस्कृति और समाज की मजबूत कड़ी के रूप में आज भी जीवंत है, और आने वाले वर्षों में भी इसी धारा में बहती रहेगी।