भभुआ में जिला पार्षद की सामान्य बैठक के दौरान क्षेत्र के विकास को लेकर जमकर बहसबाजी की गई। इस दौरान जब विकास सिंह ने विकास कार्यों और विकास राशि के भ्रष्टाचार को लेकर आवाज उठाई, तो जिला परिषद अध्यक्ष ने उन्हें बोलने से ही मना कर दिया और सभी अधिकारियों को भी जाने के लिए कह दिया, इस पर विकास सिंह ने सभी अधिकारियों को रोका और कहा कि जिस तरह से आप लोगों की समीकढ़ हुई उसी तरह से जिला परिषद की योजनाओं की भी समीक्षा हो और उसको आप लोग देखेंगे। विकास जी ने कहा कि अध्यक्ष रिंकी सिंह के द्वारा छठे वित्त और 15वें वित्त की राशि के बंटवारे में भेदभाव किया जा रहा है और मनमाने तरीके से अपने चहेते लोगों को अधिक राशि दी जा रही है। रामगढ़ में 4.30 करोड़ की लागत से बस स्टैन्ड मार्केट कॉम्प्लेक्स बनवाया जा रहा है, जबकि भभुआ सहित अन्य जिला परिषद के क्षेत्रों में समान रूप से पैसा नहीं दिया जा रहा है।
विकास जी ने कहा कि जिस रिंकी सिंह को हम सभी ने बहुमत से जिला परिषद अध्यक्ष बनाया, आज वही हमें सदन मे बोलने से रोक रही हैं। हम सदन मे न बोले तो कहाँ बोले, जनता का कार्य कैसे होगा। जिप अध्यक्ष द्वारा कभी भी मेरी हत्या करवाई जा सकती है। सदन में हुए दुर्व्यवहार को लेकर जिला परिषद सदस्य विकास ने भभुआ थानाध्यक्ष को लिखित आवेदन दिए। पूरे मामले को उन्होंने बहुमत के साथ डीएम एवं एसपी को मामले से अवगत कराते हुए आवेदन दिया।
समाहरणालय परिसर स्थित सभागार कक्ष में शनिवार को आयोजित सामान्य बैठक में जमकर हंगामा हुआ। समीक्षा के दौरान ही भभुआ भाग 3 के जिला परिषद सदस्य विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल द्वारा योजना की राशि के बंटवारे को लेकर प्रश्न खड़ा किया गया, जिसको सुनने के बाद जिप अध्यक्ष उग्र हो गई और बैठक हंगामे का रूप ले बैठा। हंगामे के बीच जिला परिषद अध्यक्ष कक्ष से बाहर निकल गई।
जिला परिषद सदस्य विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि कैमूर जिला परिषद में कुल 19 सदस्य हैं, बैठक के दौरान बहुमत साबित करते हुए जिला परिषद उपाध्यक्ष सहित कुल 12 सदस्यों के समर्थन से विरोध किया गया। जिला के विकास के बारे में कार्यपालक पदाधिकारी सह डीडीसी से शिकायत करने पर अध्यक्ष रिंकी सिंह भड़क गई और बोली कि कुर्सी पर बैठकर हर तरह का हथकंडा अपनाया जाता है। मैं जैसा चाहूंगी वैसा ही होगा। आगे उन्होंने बताया कि मेरे द्वारा जिले के हर क्षेत्र के विकास के लिए सवाल पर मुझे बदतमीज कह कर बैठ जाने की धमकी देने लगी। जबकि मेरे द्वारा गुहार कार्यपालक पदाधिकारी सह डीडीसी से लगाई जा रही थी।
उन्होंने आगे बताया कि जिला परिषद सदस्य विकास के लिए सदन में आवाज नहीं उठाएंगे तो और कहां उठाएंगे। यह अपने पद का दुरुपयोग करके जायज सवाल से भागना चाहती हैं। यह चाहती हैं कि कोई जायज सवाल नही खड़ा किया जाए। उन्होंने बताया कि जिस तरह से भरी सदन में जिला परिषद अध्यक्ष द्वारा मुझे जान से मरवाने की धमकी दी गई है, मुझे संदेह है कि रिंकी सिंह के द्वारा कभी भी मेरी हत्या करवाई जा सकती है। इसको लेकर मैने थानाध्यक्ष को आवेदन दे दिया है। उन्होंने बताया कि सदन की कार्यवाही में अध्यक्ष के बर्ताव का वीडियो कक्ष में लगे सीसीटीवी कैमरे में एवं जिला परिषद द्वारा कराई गई वीडियोग्राफी में भी देखा जा सकता है। उन्होंने आगे बताया कि मामले की लिखित शिकायत जिला पदाधिकारी महोदय एवं जिला पुलिस अधीक्षक महोदय को भी दिया जाएगा।