बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के तत्वावधान में कैमूर जिले में 1 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए एससी/एसटी आरक्षण में वर्गीकरण और क्रीमीलेयर के फैसले के विरोध में पैदल मार्च और भारत बंद का आयोजन किया गया। इस दौरान बसपा के कई प्रमुख नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और अपनी नाराजगी व्यक्त की।
आरक्षण की मूल भावना के विपरीत है यह निर्णय - विकास सिंह
जिला परिषद सदस्य विकास सिंह के साथ साथ बड़ी संख्या में बसपा नेताओं ने इस विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को समाज के कमजोर और पिछड़े वर्गों के खिलाफ बताया। विकास सिंह ने कहा, "यह निर्णय आरक्षण की मूल भावना के विपरीत है और इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।"
प्रदर्शन के दौरान बसपा कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की और शांतिपूर्ण तरीके से अपने विरोध को जाहिर किया। उन्होंने कहा कि यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक कि न्यायपालिका इस फैसले पर पुनर्विचार नहीं करती।
बसपा नेताओं ने यह भी कहा कि इस फैसले से समाज में असमानता और बढ़ेगी, जो कि आरक्षण व्यवस्था का उद्देश्य नहीं था। उनका मानना है कि क्रीमीलेयर की अवधारणा से केवल कुछ वर्गों को लाभ होगा, जबकि वास्तविक जरूरतमंद वंचित रह जाएंगे।
कैमूर में भारत बंद का व्यापक असर
कैमूर जिले के विभिन्न हिस्सों में भारत बंद का असर देखा गया। दुकानें, बाजार और परिवहन सेवाएं पूरी तरह से बंद रहीं, जिससे आम जनजीवन पर भी व्यापक असर पड़ा। हालाँकि, पूरे बंद के दौरान शांति बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात था, और किसी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली।
बसपा ने एकजुटता से किया प्रदर्शन
बसपा नेताओं ने एक स्वर में कहा कि वे समाज के कमजोर वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए हर मोर्चे पर लड़ाई लड़ते रहेंगे। इस विरोध प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए उन्होंने जनता का आभार व्यक्त किया और भविष्य में भी ऐसे आंदोलनों की आवश्यकता पर बल दिया।
भावी रणनीति
प्रदर्शन के बाद बसपा नेताओं ने आगामी दिनों में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई है और इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने का संकल्प लिया।