कीचड़ में गुजर-बसर भभुआ प्रखंड की महुआरी पंचायत के मचहलपुर गांव की दलित बस्ती के लोग पक्की सड़क का वर्षों से इंतजार कर रहे हैं। खराब सड़कों और कीचड़ भरे रास्तों के कारण ग्रामीणों को दैनिक जीवन में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। विशेषकर बारिश के मौसम में हालात और भी खराब हो जाते हैं, जिससे आवागमन दूभर हो जाता है।
अधूरी सड़कें: ग्रामीणों के संघर्ष का कारण
लोगों के लिए संघर्ष का कारण ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा भभुआ कुदरा पथ से बरहुली से मचहलपुर बेगुदा तक सड़क का निर्माण किया गया है। हालांकि, आगे के मार्ग का निर्माण नहीं हो सका, जिससे मचहलपुर गांव की दलित बस्ती और आसपास के दर्जनों गांव के लोगों को अभी भी पक्की सड़क का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
विकास सिंह की सार्थक पहल
विकास सिंह का आश्वासन जिला परिषद सदस्य विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल ने ग्रामीणों की समस्याओं को गंभीरता से लिया है। उन्होंने बताया कि मचहलपुर और अन्य प्रभावित गांवों तक पक्की सड़क बनाने के लिए वे जिले के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क करेंगे। विकास सिंह ने यह आश्वासन दिया है कि जल्द ही सड़क निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी ताकि ग्रामीणों को राहत मिल सके।
भगवानपुर प्रखंड के लोग भी हो रहे प्रभावित सड़क न बनने की वजह से भगवानपुर प्रखंड के सैंकड़ों ग्रामीण भी कुदरा भभुआ पथ पर जाने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं। आवागमन की यह समस्या केवल मचहलपुर तक सीमित नहीं है, बल्कि आस-पास के कई गांवों के लोग भी इस समस्या से जूझ रहे हैं।
ग्रामीणों की सक्रियता: जनसहयोग से उठी बदलाव की मांग
इस मौके पर संजु पासवान, पप्पू पासवान, उपेंद्र पासवान, मनतोरा देवी, बृजलाल पासवान और आत्मा देवी समेत अन्य स्थानीय लोगों ने अपनी आवाज बुलंद की। उन्होंने पक्की सड़क की मांग को लेकर अपनी एकजुटता दिखाई और प्रशासन से जल्द से जल्द कार्रवाई की अपील की।
समस्याओं का निदान, प्रशासन से उम्मीदें
ग्रामीणों को आशा है कि विकास सिंह के प्रयास और प्रशासन की तत्परता से उनकी समस्या का समाधान जल्द होगा। पक्की सड़क बनने से न केवल आवागमन सुगम होगा, बल्कि ग्रामीणों का जीवनस्तर भी सुधरेगा।