बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये दस जिलों के 20 क्वारंटाइन केंद्रों में रह रहे प्रवासी मजदूरों से वार्तालाप किया और साथ ही केन्द्रों में मजदूरों को मिलने वाली सभी सुविधाओं, जैसे पेयजल, शौचालय, स्नानघर, भोजन, सफाई व्यवस्था आदि सुविधाओं का जायजा भी लिया. प्रवासी मजदूरों से विभिन्न विषयों पर चर्चा करते हुए सीएम साहब ने जिलाधिकारियों को इससे संबंधित निर्देश भी दिए हैं. इन दस जिलों में सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, रोहतास, गया, पूर्णिया, पश्चिम चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, बेगूसराय तथा शिवहर शामिल हैं.
अपने श्रमबल से दें विकसित बिहार को संबल - नीतीश कुमार
सीएम साहब ने प्रवासियों से विभिन प्रश्न पूछे जैसे कि वे कौन से राज्यों से आए हैं? वहां क्या काम करते थे? और क्वारंटाइन केंद्रों में किसी प्रकार की तकलीफ तो उन्हें नहीं है? इसके साथ साथ सबसे अहम मजदूरों का मनोबल बढ़ाना रहा, जिसके तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रवासी मजदूरों से कहा है कि बिहार में ही रहिए, आप सभी को यहीं काम मिलेगा. आप सभी प्रवासी भाइयों को अपने श्रमबल और कौशल की ताकत से बिहार को विकसित बनाते हुए यहां की अर्थव्यवस्था को मजबूती देनी है.
सभी प्रवासी मजदूरों को दिया जायेगा रोजगार
प्रवासी मजदूरों को काम दिए जाने के बारे में पदाधिकारियों को निर्देश देते हुए सीएम साहब ने कहा कि,
"बाहर से आए हुए सभी लोगों को बिहार में ही काम मिले, इसके लिए सभी इच्छुक लोगों के जॉब कार्ड बनाएं जाएं. सभी को उनके कौशल के मुताबिक रोजगार मुहैया कराया जाए और मजदूरों के कौशल के अनुरुप ही राज्य में नए उद्योगों को बढ़ावा दिया जाये."
प्रवासी मजदूरों के लिए बनायेंगे श्रम नीति
बड़ी संख्या में मजदूरों को जल्द से जल्द रोजगार मुहैया करवाने के लिए प्रवासी मजदूरों के लिए श्रम नीति बनाने की बात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा कही गयी.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रोजगार को लेकर गठित राज्य स्तरीय टास्क फोर्स को निर्देश दिया है कि श्रम नीति तैयार करने के संबंध में शीघ्र सुझाव दें और साथ ही साथ नई इकाइयों की स्थापना के लिए प्रवासी मजदूरों के फीडबैक के आधार पर टास्क फोर्स अपने समुचित सुझाव जल्द से जल्द सौंपे.
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