भभुआ प्रखंड की महुअत पंचायत के चिताढ़ी गाँव में एक बेहद दर्दनाक घटना सामने आई, जिसमें अनुसूचित जनजाति के तालाब के किनारे बसे करीब 40 मूसहर जाति के लोगों का घर जमींदोज कर दिया गया। घटना की सूचना मिलते ही जिला परिषद सदस्य विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल चिताढी गाँव पहुंचें। जिला परिषद सदस्य विकास सिंह उर्फ़ लल्लु पटेल मौके पर बताया कि सदियों से मुसहर जनजाति के लोग चिताढी गाँव मे निवास करते हैं, इनकी कई पुस्ते यहीं समाप्त हो गई और अभी जो पीढ़ी है, इनका सब कुछ यहीं है। यह लोग जब से पैदा हुए हैं और पले बढे हैं, इनका शादी विवाह सब यहीं से हुआ।
विकास सिंह ने कहा कि अचानक तालाब खुदाई के नाम पर इनका घर गिरा देना मानवता को शर्मसार कर रहा है। सरकार को इन्हें पहले आवास की व्यवस्था करके तब इनके घरों को तोडना चाहिए था। इस दौरान मौके पर ही जिला परिषद विकास सिंह ने तत्काल अंचला अधिकारी भभुआ से फोन बात कर जानकारी ली और अंचला अधिकारी से बात कर नाराजगी व्यक्त की। अंचला अधिकारी के द्वारा बताया गया कि जनजाति को जमीन बंदोबस्ती किया जाएगा।
गाँव पहुंचते ही सैंकड़ों मुसहर जाति के महिला पुरुषों ने रो-रोकर अपनी पीड़ा स्थानीय जिला परिषद से बताई तथा न्याय की गुहार लगाई। जिला परिषद सदस्य विकास सिंह ने कहा कि इनके न्याय की लड़ाई मैं लड़ूँगा और इसकी शिकायत जिला अधिकारी कैमूर तथा बिहार सरकार से की जाएगी। सरकार को तत्काल इनके रहने के लिए घर की व्यवस्था करनी होंगी क्योंकि यह अत्याचार बर्दाश्त करने योग्य नहीं है।