Vikash Singh
  • होम
  • जानें
  • अपडेट
  • गैलरी
  • संपर्क
  • जन सुनवाई

मंजू कुमारी-अबुल कलाम आज़ाद अबुल कलाम आजा़द की जयंती पर उन्हें शत् शत् नमन

  • By
  • Vikash Singh
  • November-11-2020

आज के दिन को हम मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के रूप में जानते है। स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना आजाद का जन्म 11 नवंबर, 1888 को मक्का, सऊदी अरब में हुआ था। उनका असल नाम अबुल कलाम गुलाम मोहिउद्दीन अहमद था, लेकिन वह मौलाना आजाद के नाम से मशहूर हुए। मौलाना आजाद स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेताओं में से एक थे। वह दूरदर्शी नेता के साथ-साथ उद्भट विद्वान, प्रखर पत्रकार और लेखक भी थे।

पढ़ाई के दिनों में वह काफी प्रतिभाशाली और मजबूत इरादे वाले छात्र थे। काहिरा के 'अल अज़हर विश्वविद्यालय' में उन्होंने शिक्षा प्राप्त की। परिवार के कोलकाता में बसने पर उन्होंने 'लिसान-उल-सिद' नामक पत्रिका शुरू की। उन पर उर्दू के दो महान आलोचकों 'मौलाना शिबली नाओमनी' और 'अल्ताफ हुसैन हाली' का गहरा असर रहा। तेरह से अठारह वर्ष की उम्र के बीच उन्होंने बहुत सी पत्र-पत्रिकाओं का संपादन किया। मौलाना आजाद ने कई पुस्तकों की रचना और अनुवाद भी किया, जिसमें प्रमुख  इंडिया विन्स फ्रीडम और गुबार-ए-खातिर हैं। वह नेता नहीं बनना चाहते ही थे। वह कहते भी थे कि राजनीति के पीछे वह कभी नहीं दौड़े, राजनीति ने ही उन्हें पकड़ लिया। वह तो लाजवाब शायर थे। अबुल कलाम आज़ाद उस वक्त राजनीति से जुड़े, जब ब्रिटिश ने सन् 1905 में धार्मिक आधार पर बंगाल का विभाजन कर दिया। वह क्रांतिकारी संगठन में शामिल होने के बाद अरविंद घोष, श्यामसुंदर चक्रवर्ती आदि के संपर्क में पहुंच गए।  उन्होंने 1912 में एक साप्ताहिक पत्रिका निकालना शुरू किया। उस पत्रिका का नाम अल हिलाल रखा। अल हिलाल के माध्यम से उन्होंने सांप्रदायिक सौहार्द और हिंदू मुस्लिम एकता को बढ़ावा देना शुरू किया और साथ ही ब्रिटिश शासन पर प्रहार किया। पर सरकार ने इस पत्रिका को बंद कर दिया।  अल हिलाल' के बंद होने के बाद आज़ाद ने 'अल बलघ' नामक साप्ताहिक पत्रिका का प्रकाशन प्रारम्भ किया। वर्ष 1916 में उनके गिरफ्तार हो जाने के बाद यह पत्रिका भी बंद हो गयी।

आज़ाद भारत में वह पहले शिक्षामंत्री बने। नि:शुल्क शिक्षा, भारतीय शिक्षा पद्धति, उच्च शिक्षण संस्थानों का मार्ग प्रशस्त किया, साथ ही  'भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना का श्रेय इन्हें ही जाता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू की कैबिनेट में 1947 से 1958 तक मौलाना अबुल कलाम आजाद शिक्षा मंत्री रहे। 22 फरवरी, 1958 को हार्ट अटैक  से उनका निधन हो गया था। 1992 में( मरने के बाद) उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में उनके  कार्यों के सम्मान में उनके जन्म दिवस, (11 नवम्बर) को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस घोषित किया गया।

हमसे ईमेल या मैसेज द्वारा सीधे संपर्क करें.

क्या यह आपके लिए प्रासंगिक है? मेसेज छोड़ें.

More

विकाश सिंह-गुरुनानक जयंती की गुरुनानक जयंती  सभी देशवासियों को शुभकामनाएं

विकाश सिंह-गुरुनानक जयंती की गुरुनानक जयंती सभी देशवासियों को शुभकामनाएं

गुरुनानक सिखों के प्रथम गुरु हैं | इन्हें नानक, नानक देव जी, बाबा नानक और नानकशाह जैसे कई नामो से सम्बोधित किया गया है | गुरुनानक देव जी के ...

विकाश सिंह-आप सभी देशवासियो को संविधान दिवस  संविधान दिवस की शुभकामनायें

विकाश सिंह-आप सभी देशवासियो को संविधान दिवस संविधान दिवस की शुभकामनायें

देश को स्वतंत्रता मिलने के बाद से ही भारतीय राजनीतिज्ञों और विद्वेताओं ने देश के अपने एक विशेष संविधान होने पर चर्चा शुरू कर दी थी। इसी क्रम...

विकाश सिंह-छठ पूजा की शुभकामनाएं  छठ पूजा  जानियें छठ पूजा से जुड़े वैज्ञानिक एवं सामाजिक महत्त्व

विकाश सिंह-छठ पूजा की शुभकामनाएं छठ पूजा जानियें छठ पूजा से जुड़े वैज्ञानिक एवं सामाजिक महत्त्व

दिवाली के छह दिन बाद आने वाला छठ पर्व मूल रूप से सूर्योपासना का पर्व है, जिसका आरंभ दिवाली के मात्र चार दिन बाद से ही हो जाता है. कार्तिक मा...

विकाश सिंह-छठ पूजा के दूसरे दिन छठ पूजा ( खरना)  खरना की शुभकामनायें

विकाश सिंह-छठ पूजा के दूसरे दिन छठ पूजा ( खरना) खरना की शुभकामनायें

दिवाली के छह दिन बाद आने वाला छठ पर्व मूल रूप से सूर्योपासना का पर्व है, जिसका आरंभ दिवाली के मात्र चार दिन बाद से ही हो जाता है. कार्तिक मा...

विकाश सिंह-लाला लाजपत राय की पुण्यतिथि लाला लाजपत राय पुण्यतिथि  पे उन्हें कोटि कोटि नमन

विकाश सिंह-लाला लाजपत राय की पुण्यतिथि लाला लाजपत राय पुण्यतिथि पे उन्हें कोटि कोटि नमन

लाला लाजपत राय बचपन से ही बहुमुखी प्रतिभा से धनी थे। एक ही जीवन में उन्होंने विचारक, बैंकर, लेखक और स्वतंत्रता सेनानी की भूमिकाओं को बखूबी ...

विकाश सिंह-शुभ दीपावली दीपावली  रोशनी और उज्ज्वलता के त्यौहार दीपावली से करें जीवन को प्रकाशमय

विकाश सिंह-शुभ दीपावली दीपावली रोशनी और उज्ज्वलता के त्यौहार दीपावली से करें जीवन को प्रकाशमय

“राम”...मात्र दो शब्दों और एक मात्रा के संयोजन से बना एक शब्द है, लेकिन इस छोटे से शब्द में सार्थक जीवन जीने का प्रत्येक सूत्र छिपा हुआ है. ...

विकाश सिंह-शुभ धनतेरस  धनतेरस सभी राष्ट्रवासियों को मंगलता के सूचक धनतेरस पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं

विकाश सिंह-शुभ धनतेरस धनतेरस सभी राष्ट्रवासियों को मंगलता के सूचक धनतेरस पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं

दीपावली से दो दिन पहले से ही त्यौहारों की श्रृंखला शुरू हो जाती है. दिवाली के आगमन का श्री गणेश होता है धनतेरस से, यह पर्व धन और आरोग्य के द...

विकाश सिंह-अबुल कलाम आज़ाद  अबुल कलाम आजा़द की जयंती पर उन्हें शत् शत् नमन

विकाश सिंह-अबुल कलाम आज़ाद अबुल कलाम आजा़द की जयंती पर उन्हें शत् शत् नमन

आज के दिन को हम मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के रूप में जानते है। स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना आजाद का जन्म 11 नवंबर, 1888 क...

विकाश सिंह-डॉ चन्द्रशेखर वेंकटरमन जी सीवी रमन जयंती की जयंती पर उन्हें शत् शत् नमन

विकाश सिंह-डॉ चन्द्रशेखर वेंकटरमन जी सीवी रमन जयंती की जयंती पर उन्हें शत् शत् नमन

विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर कीर्तिमान स्थापित करने वाले डॉ सीवी रमन की आज जन्म जयंती है। वह भारत के एक ऐसे वैज्ञानिक...

विकाश सिंह-देश की प्रथम एवं एकमात्र महिला प्रधानमंत्री, आयरन लेडी  इंदिरा गाँधी पुण्यतिथि  इंदिरा गाँधी जी की जयंती पर कोटिश: नमन

विकाश सिंह-देश की प्रथम एवं एकमात्र महिला प्रधानमंत्री, आयरन लेडी इंदिरा गाँधी पुण्यतिथि इंदिरा गाँधी जी की जयंती पर कोटिश: नमन

देश की इकलौती महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आज पुण्यतिथि है. आज ही के दिन 1984 में उनके अंगरक्षकों द्वारा गोली मारकर इंदिरा गांधी की हत...

विकाश सिंह-राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता के प्रतिपालक लौहपुरुष  सरदार वल्लभ भाई पटेल जयंती सरदार  वल्लभभाई पटेल की जयंती पर सादर अभिनंदन

विकाश सिंह-राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता के प्रतिपालक लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल जयंती सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर सादर अभिनंदन

कोई भी देश तभी मजबूत हो सकता है, जब उसकी जड़ें मजबूत हों यानि उसकी एकता और अखंडता बनी रहे। हमारा देश 200 वर्षों तक गुलाम रहा, जिसका सबसे बाद...

विकाश सिंह-शुभ विजयदशमी  दशहरा  असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक दशहरे पर्व की शुभकामनाएं

विकाश सिंह-शुभ विजयदशमी दशहरा असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक दशहरे पर्व की शुभकामनाएं

देशभर में धूमधाम से मनाया जाने वाला दशहरा भारतीय संस्कृति के असीम गौरव, वीरता और पराक्रम की पराकाष्ठा का प्रतीक है. आश्विन शुक्ल दशमी को आने...

अधिक जानें..

Get Updates On Your Social Media Timeline.
सोशल मीडिया जोड़ें

© vikashsingh.in & Navpravartak.com Terms  Privacy