बिहार की कमला-बलान नदी पर दूसरी पंच वर्षीय योजना में उस समय के दरभंगा जिले में जयनगर से दर्जिया तक तटबंध बनाए गये थे। जिसकी वजह से मधुबनी सब-डिवीजन के बहुत से गाँव तटबन्धों के बीच फँस गये थे। उनके पुनर्वास को लेकर कितने किस्से गढ़े गये, नीचे का आलेख उसकी एक मिसाल भर है।
यह काम दूसरी पंच वर्षीय योजना में पूरा कर लिया गया था और तटबन्धों के बीच फँसे लोगों के पुनर्वास को चौथी पंच वर्षीय योजना पर टाल दिया गया। नीचे आर्यावर्त-पटना के 29 अगस्त, 1965 की खबर बहुत कुछ कहती है। यहां यह बताना सामयिक होगा कि इस साल कमला-बलान नदी का तटबन्ध 21 स्थानों पर टूटा था, जिसमें रेलवे और बिहार के सिंचाई विभाग के बीच एक दूसरे पर खूब दोषारोपण किया गया था।