पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म जयंती के अवसर पर सरकार ने उन्हें श्रृद्धा अर्पित करने के लिए दो अहम योजनाओं का प्रारम्भ किया है, जिन्हें "अटल जल" और "अटल टनल" के नाम से जाना जायेगा. ये दोनों योजनाएं लगभग 6000 करोड़ की धनराशि से पूरी की जायेंगी. हाल ही में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने नयी दिल्ली में आयोजित एक समारोह में इन दोनों योजनाओं का शुभ आरंभ किया. देश में पेयजल की समस्या को दूर करने के उद्देश्य से अटल भूजल योजना लायी गयी है.
अटल बिहारी वाजपेयी जी के लिए बेहद अहम था जल का विषय
अटल जल योजना का शुभारंभ करते हुए प्रधानमंत्री ने चिन्हित करते हुए कहा कि माननीय वाजपेयी जी जल के विषय को बेहद महत्वपूर्ण मानते थे और यह उनके हृदय के बहुत निकट था. वर्तमान में हमारी सरकार उनके विजन को क्रियान्वित करने का प्रयास कर रही है. अटल जल योजना वर्ष 2024 तक देश के प्रत्येक घर में पानी पहुंचाने के संकल्प की दिशा में प्रतिबद्धता से कार्य करेगी. इसके साथ ही प्रधानमंत्री जी ने वर्तमान में पसरे जल संकट को एक परिवार, एक नागरिक और एक देश के रूप में सभी के लिए चिंताजनक बताया और यह देश के विकास को भी प्रभावित करता है. इस योजना के क्रियान्वन के लिए एकजुटता से पांच स्तरों पर कार्य किया जायेगा.
समझे अटल भूजल योजना का स्वरुप
अटल जल योजन के अंतर्गत जन सहभागिता से भूजल प्रबन्धन को सुदृढ़ करने पर जोर दिया जायेगा. इसमें सात राज्यों यानि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक में 78 जिलों में तकरीबन 8350 ग्राम पंचायतों के जरिये सामुदायिक स्तर पर भूजल प्रबंधन के लिए व्यवहारगत बदलाव लाया जाएगा. साधारण शब्दों में समझें तो इन देश में जिन स्थानों पर भूजल में कमी आई है, उन सभी में लोगों को सामूहिक तौर पर प्राकृतिक रूप से भूजल बढ़ाने की तकनीकों के विषय में जागरूक किया जायेगा. चरणबद्ध रूप से किये गए इस कार्यक्रम में भूजल रिचार्ज के साथ साथ किसानों को लाभ पहुँचाने के भी प्रयास किये जायेंगे.
शहरी क्षेत्रों को भी मिलेगा
जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत जल को वर्गीकृत दृष्टिकोण से मुक्त करते हुए व्यापक और समग्र दृष्टिकोण पर बल दिया गया है. जल मंत्रालय के जल जीवन मिशन के अंतर्गत सभी शहरी क्षेत्रों में पाइपलाइन द्वारा जलापूर्ति की जाएगी. जलसंरक्षण की ओर व्यापक प्रयास करते हुए भूजल बढ़ाने और हर घर तक पानी पहुँचाने के प्रयास सरकार करेगी.
अटल जल योजना से दूर दराज तक के इलाकों को मिलेगा लाभ
अटल जल योजना के अंतर्गत सरकार ने बहुत से ऐसे इलाकों में भी पाइपलाइन डलवाई है, जहां पानी की काफी किल्लत रही है. इस योजना के प्रथम चरण में करोड़ों ग्रामीण परिवारों के पास पाइपलाइन की सुविधा पहुंचेगी और शुद्ध जल उन्हें मिलेगा, इस योजना में वर्ल्ड बैंक भी भारत सरकार की सहायता कर रहा है. इसके साथ ही भूजल संरक्षण में बेहतर प्रदर्शन करने वाली ग्राम पंचायतों को अधिक धनराशि आबंटित की जाएगी, जिससे वे जल संरक्षण की ओर सार्थक कदम बढ़ा सकेंगे.
सभी देशवासियों से की सहयोग की अपील
विज्ञान भवन में हुए इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री जी देश के सभी नागरिकों से और साथ ही विश्व भर में बसे सभी भारतीयों से भी अपील की कि जल से जुड़े इस पुनीत अभियान में सभी अपना अग्रिम योगदान दर्ज कराएं. विशेषकर जिस गांव से भी लोग विदेशों में रहने के लिए गए हों, वें अपने गांव में जल संरक्षण के लिए प्रयास करें. साथ ही उन्होंने कहा कि हर गांव में किसानों को चाहिए कि वे पानी एक्शन प्लान बनाये और पानी फंड बनाकर सरकार का सहयोग करें. उन्होंने जन सहभागिता को इस परियोजना का सबसे बड़ा आधार बताया.
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर अटल टनल का भी उद्घाटन किया, जिसके जरिये हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के सुदूर सीमावर्ती क्षेत्रों को सदैव कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने की दिशा में एक कदम बढ़ाया जायेगा, जो शीत ऋतु के दौरान लगभग 6 महीने तक शेष देश से कटे रहते हैं. रोहतांग दर्रे के नीचे एक रणनीतिक सुरंग बनाने का ऐतिहासिक निर्णय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा लिया गया था. 8.8 किलोमीटर लंबी यह सुरंग समुद्र तल से 3,000 मीटर की ऊंचाई पर विश्व की सबसे लंबी सुरंग है. यह मनाली और लेह के बीच की दूरी में 46 किलोमीटर की कमी करेगी और परिवहन लागतों में करोड़ों रुपये की बचत करेगी. यह 10.5 मीटर चौड़ी सिंगल ट्यूब बाइ-लेन सुरंग है, जिसमें एक अग्निरोधी आपातकालीन सुरंग मुख्य सुरंग में ही निर्मित है.