क्लीन काली..ग्रीन काली की मुहिम जैसे जैसे आगे बढती जा रही है वैसे ही इसे समाज के विभिन्न वर्गों का समर्थन भी मिल रहा है. अंतवाडा गांव में ग्रामीणों का सहयोग मिलने के बाद से ही नदी संरक्षण के प्रयास आगे बढ़ते हुए दिख रहे हैं. हाल ही में भारतीय किसान यूनियन मंडल के पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी अंतवाडा पहुंचे और उन्होंने उद्गम स्थल का भ्रमण करते हुए मुहिम में सहयोग देने की बात रखी. भाकियू के मंडलाध्यक्ष भंवर सिंह गुर्जर ने अपने प्रमुख कार्यकर्ताओं जिलाध्यक्ष सतेंद्र पुंडीर, अंकुर मुखिया, तहसील अध्यक्ष भारतवीर आर्य, अब्दुल्ला कुरैशी, दीप कुमार इत्यादि के साथ खतौली के अंतवाडा ग्राम में काली नदी उद्गम क्षेत्र का भ्रमण किया.
नदी का दौरा करने आये भाकियू अधिकारियों का स्वागत एडवोकेट राजवीर सिंह के आवास पर किया गया, इस दौरान उन्होंने नीर फाउंडेशन के निदेशक रमन कांत के प्रयासों की सराहना की और इस प्रकार मैदानी क्षेत्र में स्वत: ही निकली नदी धारा को देखकर हैरानी प्रकट की. भाकियू के पहुंचने पर गांव से एडवोकेट राजवीर सिंह ने उन्हें नदी के इतिहास से रूबरू कराते हुए बताया कि पहले यहां काली अथवा लोकभाषा में नागिन नाम से जानी जाने वाली नदी प्रवाहित होती थी, जिस पर कृषि के लिए अतिक्रमण कर लिया गया. इससे नदी अपने उद्गम स्थल पर समाप्त हो गयी और इसका प्रभाव आगे नदी के प्रवाह पर भी पड़ा, जिसके बाद प्रदूषण के कारण आज नागिन नदी समाप्त होने की कगार पर है. उन्होंने आगे जानकारी देते हुए सदस्य मंडली को बताया कि आज नीर फाउंडेशन के प्रयासों से न केवल नदी अपने उद्गम पर बहने लगी है, बल्कि तालाब, पिट, झील आदि बनने व किनारों पर सघन वन बनने से काली संरक्षित होकर आगे बहेगी.
भाकियू के मंडलाध्यक्ष भंवर सिंह गुर्जर ने हरसम्भव सहायता का आश्वासन देते हुए कहा कि नदी का इस प्रकार जीवित हो उठना वास्तव में अद्भुत है और इसके लिए सभी लोगों के प्रयासों की सराहना करनी होगी, साथ ही उन्होंने कहा कि रमन कांत के प्रयासों ने केवल काली को ही नहीं बल्कि अंतवाडा को भी राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है, जिसके लिए गांव का जन जन उनका आभारी रहेगा. आने वाले समय में ग्रामीणों को प्रयास करना होगा कि वें अपने गांव को साफ़ व स्वच्छ रखें तथा नदी को संरक्षित रखने की दिशा में जागरूक होकर कार्य करें क्योंकि अंतवाडा का भविष्य काली नदी के कारण चमक उठा है और जल्द ही देशी विदेशी सैलानी यहां इन प्रयासों का मूर्त रूप देखने के लिए आया करेंगे.
इसके अतिरिक्त एक प्रेस वार्ता में भाकियू मंडल के अध्यक्ष ने बताया कि नदी संरक्षण की इस मुहिम में भाकियू नीर फाउंडेशन और रमनकांत त्यागी के साथ खड़ी है और उनके मंडल के सदस्य सहायता करने में आगे रहेंगे. साथ ही उन्होंने नदी की जमीन से अतिक्रमण छोड़ देने वाले किसानों की भी प्रशंसा की.