संक्षिप्त परिचय -
उड़ीसा की जीवनरेखा के रूप में जानी जाने वाली इंद्रावती गोदावरी नदी की प्रमुख सहायक नदियों में से एक है. यह मध्य- भारत में बहने वाली नदी है, जिसका उद्गम उड़ीसा के कालाहांडी जिले की धरमगढ़ तहसील के अंतर्गत आने वाली डोंगरला नामक पहाड़ी से होता है. इंद्रावती नदी प्रमुख रूप से उड़ीसा राज्य में प्रवाहित होती है. इसके अलावा यह छत्तीसगढ़ के भी बड़े भूभाग से होकर गुजरती है तथा अंत में छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र व तेलगांना राज्य की सीमाओं के संगम बिंदु पर बीजापुर में यह गोदावरी नदी में समाहित हो जाती है.
प्रवाह क्षेत्र –
इंद्रावती नदी डोंगरला से निकलकर उड़ीसा के नवरंगपुर व कोरापुट जिलों में बहते हुए छत्तीगढ़ राज्य की सीमा में प्रवेश करती है. छत्तीसगढ़ में इंद्रावती नदी सबसे अधिक बस्तर क्षेत्र में बहती है, इस कारण इसे बस्तर की जीवनरेखा भी कहते हैं. इसके बाद यह नदी छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा, नारायणपुर व बीजापुर आदि जिलों में बहती हुई आगे बढ़ती है. इस दौरान इंद्रावती छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा को महाराष्ट्र राज्य के अलग भी करती है. अपनी यात्रा के अंतिम पड़ाव में इंद्रावती नदी छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र व तेलगांना तीन राज्यों की सीमा पर भूपालपटमन के निकट बीजापुर जिले में भद्राकाली नामक स्थान पर गोदावरी नदी में मिल जाती है.
सहायक नदियां –
इंद्रावती नदी अपने सफ़र में कई छोटी- छोटी नदियों को समेटते हुए चलती है. अलग- अलग क्षेत्रों में इंद्रावती नदी से मिलने वाली प्रमुख नदियां भवरडीग, कोटरी, निबरा, नारंगी व नन्दीराज नदी हैं. इसके अलावा चिन्तावागु, गुडरा, भसकेली व शंखिनी आदि इंद्रावती की कुछ अन्य सहायक नदियां हैं, जो कि अपनी जलधाराओं के साथ इंद्रावती में समाहित हो जाती हैं. वहीं जगदलपुर के समीप इंद्रावती नदी पर एक जलप्रपात बना हुआ है, जिसे ‘चित्रकूट’ जलप्रपात के नाम से जानते हैं.